नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर ‘दिल्ली चलो’ मार्च कर रहे हजारों किसानों को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बॉर्डर्स को सील कर दिया गया है। शंभू बॉर्डर से दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे आंदोलनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसाकर उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच, संसद के शीतकालीन सत्र में किसानों को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में बड़ा ऐलान किया। किसानों के विरोध प्रदर्शन और राष्ट्रीय राजधानी में उनके बड़े पैमाने पर जमावड़े के बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार सभी कृषि उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी।
किसानों को दिया आश्वासन
किसानों के दिल्ली मार्च के बीच शिवराज सिंह चौहान ने सभी कृषि उपज के लिए MSP का आश्वासन दिया। मंत्री ने यह आश्वासन उस दिन दिया जब किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली तक पैदल मार्च करने की योजना बना रहे हैं। शिवराज चौहान ने सदन को बताया, “मैं आपके (सभापति के) माध्यम से सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसानों की सभी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। यह मोदी सरकार है और मोदी की गारंटी को पूरा करने की गारंटी है।”
शिवराज चौहान ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “जब दूसरी तरफ के हमारे मित्र सत्ता में थे तो उन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि वे एम एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर सकते, खासकर उपज की लागत से 50 प्रतिशत अधिक देने की बात। मेरे पास रिकॉर्ड है।” शिवराज चौहान ने अपने दावे के समर्थन में पूर्व कृषि राज्य मंत्री कांतिलाल भूरिया, कृषि मंत्री शरद पवार और के वी थॉमस का हवाला दिया। उनकी टिप्पणी के बाद, उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे अपने दावे की पुष्टि करने के लिए दस्तावेज सदन के पटल पर पेश करने को कहा। चौहान इस पर सहमत हो गए।
पिछली सरकारों ने नहीं किया किसानों का सम्मान
मंत्री ने दावा किया, “उन्होंने (पूर्ववर्ती संप्रग सरकार) कभी किसानों का सम्मान नहीं किया और कभी किसानों की लाभकारी कीमतों की मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया।” शिवराज चौहान ने यह भी कहा कि 2019 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गणना करने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोदी सरकार पहले से ही किसानों को लाभकारी मूल्य दे रही है। चौहान ने कहा कि धान, गेहूं, ज्वार, सोयाबीन को तीन साल पहले से ही उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक कीमत पर खरीदा जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि वस्तुओं की दरों में गिरावट होने पर निर्यात शुल्क और कीमतों को बदलने में हस्तक्षेप का भी हवाला दिया।